किसका हैं दोष ,है कौन ज़िम्मेदार ?
किसकी जीत में छुप गयी किसी की हार ?
किसने आवाज़ दी है..और जाकर कौन छिप गया ?
किसको बनाते-बनाते,कोई खुद ही मिट गया?
वह जो रो रही है,वह किसकी परछाई है ?
किसकी बेशर्मी पर आज, खुद शर्म शरमाई है ?
किसकी बेशर्मी पर आज, खुद शर्म शरमाई है ?
क्यों खामोशी है हर जगह,क्यों आँखों में गम का साया है?
किसके दिए दर्दो से ,मुर्झा गयी किसी की काया है ?
क्यों किसी की चीख में दब गयी किसी की आहें ?
क्यों किसी की चीख में दब गयी किसी की आहें ?
यह किस मोड़ पर, आ मुड़ी है राहें ?
किसने सब कुछ खोकर भी.... कुछ और पा लिया ?
किसने सब कुछ खोकर भी.... कुछ और पा लिया ?
और किसने , किसको आज , आयना दिखा दिया ?
कौन है वो , जो गुमनाम हो गया ?
किसकी खातिर,कोई नीलाम हो गया ?
किसकी लगाई आग ने, हर रिश्ता जला दिया
और किसने, अपने होने का हक़ जता दिया ?
किसके ऊपर छाया, एक छिछला गुरूर है ?
किसकी कोशिशों से,अभी मंजिल बहुत दूर है ?
है कौन वो,जो हारकर ,बैठ गया है ?
है कौन वो,जो चुपचाप खड़ा है ?
क्यों सच का दम घुट रहा है?
क्यों सच का दम घुट रहा है?
क्यों ईमान लुट रहा है?
है यह काम किसका और करता इसे कौन है ?
किसके प्रश्नों के आगे ,खड़ा कोई मौन है ?
ले नाम किसका , किसे दोषी ठहराये ?
आखिर कौन है भोला, और हम किसे भूल जाए ?
प्रश्न यह नहीं की,
क्यों हुआ यह सब ?
प्रश्न यह है की कहाँ थे तुम .....
तब ?
~ सौम्या