जब अपनी ही बातें दोहराने लगो
जब सन्नाटो से घबराने लगो
जब दिल की उदासी का कोई हल न हो
जब बेचैनी से भरा हर पल हो
जब साथ देने वाला कोई न हो
जब बात सुनने वाला कोई न हो
जब दोस्त सब साथ छोड़ जाए
जब हर रिश्ता ठगता नज़र आये
जब शर्मिंदगी दम घोटने लगे
जब पछतावा कचोटने लगे
जब एहसास ज़िंदा हो जाये
जब पत्थर ये पिघल जाये ... तब
तब... हाँ तब .... "मैं " याद आउंगी
पर जो वादा किया था,
मरते दम तक निभाऊंगी,
अब लौट के फ़िर तेरी चौखट ना आउंगी ॥
~ सौम्या
जब सन्नाटो से घबराने लगो
जब दिल की उदासी का कोई हल न हो
जब बेचैनी से भरा हर पल हो
जब साथ देने वाला कोई न हो
जब बात सुनने वाला कोई न हो
जब दोस्त सब साथ छोड़ जाए
जब हर रिश्ता ठगता नज़र आये
जब शर्मिंदगी दम घोटने लगे
जब पछतावा कचोटने लगे
जब एहसास ज़िंदा हो जाये
जब पत्थर ये पिघल जाये ... तब
तब... हाँ तब .... "मैं " याद आउंगी
पर जो वादा किया था,
मरते दम तक निभाऊंगी,
अब लौट के फ़िर तेरी चौखट ना आउंगी ॥
~ सौम्या