इन एहसासों को अब मिट जाना होगा
क्योंकि यह मेरी रूह को कचोटते हैं
दर्द बढ़ता ही रहेगा गर इसे खुदसे अलग नही किया तो
हाँ नासमझ थी जो वक़्त के बदलने का। .
दिल के संभलने का इंतज़ार करती रही मैं
तुम नहीं बदले पर मैं बदल गयी हूँ.
तुम्हे पाने की खातिर खुदको नहीं खोना मुझे
बहुत बेहिस थे तुम पर अब और रुस्वा होना नही मुझे.
क्योंकि यह मेरी रूह को कचोटते हैं
दर्द बढ़ता ही रहेगा गर इसे खुदसे अलग नही किया तो
हाँ नासमझ थी जो वक़्त के बदलने का। .
दिल के संभलने का इंतज़ार करती रही मैं
तुम नहीं बदले पर मैं बदल गयी हूँ.
तुम्हे पाने की खातिर खुदको नहीं खोना मुझे
बहुत बेहिस थे तुम पर अब और रुस्वा होना नही मुझे.